"पिता की टीवी रिपेयरिंग, बेटे का UPSC में कमाल — पहले ही प्रयास में पाई 423वीं रैंक,
भवुक हुआ परिवार"
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
UPSC परीक्षा में कई छात्रों ने उत्कृष्ट अंक प्राप्त करके अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इस बीच उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कोंच नगर के पटेल नगर के रहने वाले 24 वर्षीय अश्वनी शुक्ला का मामला इसमें सबसे खास है। खास इसलिए क्योंकि अश्वनी ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC की परीक्षा में 423वीं रैंक हासिल की है। वहीं, इनका सफर भी काफी मुश्किलों से भरा रहा है। यहां इनके पिता महज टीवी ठीक करने का काम करते हैं। इस काम को करते हुए एक छोटी कमाई के बीच उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से अपने पुत्र को यह मुकाम दिलाया है। जिसके बाद उनको लेकर देश भर में चर्चाएं हो रही हैं।
टीवी रिपेयर करते हैं पिता
अश्वनी की सफलता के पीछे उनके पिता की भी कड़ी मेहनत छिपी हुई है। दरअसल, इनके पिता टीवी रिपेयर करने का काम करते हैं तथा इस कमाई से मुश्किल से ही परिवार का भरण-पोषण कर पाते हैं। बावजूद इसके उन्होंने अपने पुत्र की पढ़ाई में पैसों को कभी आड़े नहीं आने दिया। सफलता के बाद पत्रकारों से बातचीत में अश्वनी के पिता गिरीश चंद्र शुक्ला ने भावुक होते हुए कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरा बेटा इतना बड़ा मुकाम हासिल करेगा। मैंने टीवी रिपेयरिंग की दुकान पर काम किया, लेकिन कभी भी बच्चे की पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी। आज देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास कर ली। हमने बस उसे पढ़ने दिया, बाकी सब उसने खुद किया।” उनकी बातों से साफ झलकता है कि कठिन परिश्रम और संकल्प की ताकत क्या होती है।
गौरवान्वित हुई मां
बेटे की सफलता के बाद मां को भी गर्व की अनुभूति हो रही है। दरअसल, गृहिणी मां शशि शुक्ला के बेटे ने साधारण परिवार से होने के बावजूद यह असाधारण उपलब्धि हासिल की है। परिवार ने कभी भी सीमित संसाधनों को बेटे की शिक्षा में बाधा नहीं बनने दिया। पत्रकारों से बातचीत में मां शशि शुक्ला ने बताया कि उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में कभी भी कोई रुकावट नहीं आने दी। वह घर में हमेशा बच्चों की पढ़ाई के लिए चिंतित रहती थीं और हमेशा बच्चों की पढ़ाई को लेकर आगे रही हैं। वहीं, बेटे की इस उपलब्धि पर परिवार की आंखें भर आईं। मां शशि शुक्ला ने भावुक होकर कहा कि बेटे के अफसर बनने का सपना तो था, लेकिन पहले ही प्रयास में सफलता की उम्मीद नहीं थी। अश्वनी की इस सफलता से पूरा नगर और जनपद गौरवान्वित है।
NDA में भी हुआ था चयन
दरअसल, पहले ही प्रयास में UPSC में सफलता हासिल करने वाले अश्वनी का चयन 2019 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में हो गया था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। मेडिकल जांच में उनकी आंखों की रोशनी थोड़ी कम होने की वजह से उन्हें NDA में आगे नहीं बढ़ाया गया। इसके बाद उन्होंने अपने जज़्बे को कमजोर नहीं होने दिया और आज यह बड़ा मुकाम हासिल किया।
कहां से शुरू हुआ सफर
दरअसल, अश्वनी की शिक्षा का सफर कोंच के एसएन गुप्ता पब्लिक स्कूल से शुरू हुआ। उन्होंने तीसरी से पांचवीं कक्षा तक उरई के वीरेंद्र सिंह बघेल पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उनका चयन प्रतिष्ठित सैनिक स्कूल लखनऊ में हुआ। वहां से उन्होंने 2017 में हाईस्कूल और 2019 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इस सफलता में अश्वनी की बहनों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। बड़ी बहन पर्णिका ने पढ़ाई में मदद की और हर मुश्किल वक्त में साथ दिया। छोटी बहन श्रुति भी अपने भाई को आदर्श मानती हैं