अवैध बांग्लादेशी-रोहिंग्या बस्तियाँ: यूपी में जांच तेज,
अखिलेश यादव ने अधिकारियों पर सवाल उठाए
4 days ago Written By: Aniket Prajapati
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में अवैध रूप से बसने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद जिम्मेदार अधिकारी अब अवैध बस्तियों में जाकर फील्ड जांच कर रहे हैं। राजधानी लखनऊ में भी अधिकारी इलाके में उतरे और बस्तियों की पड़ताल कर रहे हैं। सवाल यह भी उठे हैं कि इन लोगों को बिजली-पानी और आधार कार्ड जैसे सरकारी सुविधाएँ कैसे मिल गईं। इसी विषय पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोसाईगंज में पत्रकारों से बात करते हुए कई गंभीर सवाल उठाए हैं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अधिकारी फील्ड में पहुंचे, सुविधाओं पर उठे सवाल मुख्यमंत्री की हिदायत के बाद प्रशासन ने बस्तियों की जांच शुरू कर दी है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि इन रोहिंग्याओं को बिजली कनेक्शन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाएँ किस तरह मिलीं। लखनऊ में अधिकारियों की टीम ने इलाके का सर्वे किया और दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दी है। कई जगहों पर लोकल शिकायतें मिली हैं कि कुछ अधिकारियों ने गलत तरीके से कागजात बना दिए।
अखिलेश यादव ने जवाब माँगा—किसने बनाए आधार कार्ड? गोसाईगंज में पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने पूछा कि जिन अधिकारियों ने आधार कार्ड और अन्य कानूनी कागजात बनाए, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? उन्होंने कहा कि घुसपैठियों की जांच भाजपा कर रही है—किसने उन्हें यह अधिकार दिया? उन्होंने यह भी पूछा कि जब लखनऊ के सांसद रक्षामंत्री हैं तो आखिर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री इस पर क्या कर रहे थे जब ये लोग यहां बस गए?
गरीबों के अपमान और बीजेपी पर हमला अखिलेश यादव ने कहा कि गरीब लोगों को इस मामले में अपमानित और परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता अब भाजपा से नाराज़ है और इस बार भाजपा को चुनाव में बड़ा झटका मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों और बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि घुसपैठ और उसकी सुविधाजनक व्यवस्था के जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
कफ सिरप कांड पर तीखा हमला, बुलडोजर का प्रश्न सपा प्रमुख ने कफ-सिरप (कोडीन युक्त सिरप) मामले को भी बड़ी संवेदनशील बात बताया। उन्होंने कहा कि यह कांड पहले 100 करोड़ रु. का बताया गया था, अब यह 200 करोड़ से अधिक का हो सकता है। इसमें पुलिस-प्रशासन और भाजपा के कुछ लोग शामिल हैं, गाड़ियाँ बंटी हैं पर शोरूम वाले नहीं बता रहे कौन कितनी गाड़ियाँ ले गए। उन्होंने पूछा—आज बुलडोजर कहाँ है? काले कारोबार पर बुलडोजर न्याय देने में क्यों चुप है?