अमेरिकी टैरिफ से मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में हड़कंप, 100 करोड़ का ऑर्डर अटका,
कारोबारी नए बाजार की खोज में
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर अमेरिकी सरकार के नए टैरिफ का सीधा असर पड़ा है। इस फैसले से कारोबारी परेशान हैं और उद्योग में अनिश्चितता बढ़ गई है। देश की दूसरी सबसे बड़ी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री मेरठ में स्थित है, जो भारत के कुल स्पोर्ट्स गुड्स निर्यात का करीब 37 प्रतिशत हिस्सा रखती है। इसमें से लगभग 22 प्रतिशत सामान अकेले अमेरिका जाता है। अभी तक करीब 100 करोड़ रुपये का अमेरिका भेजा जाने वाला ऑर्डर होल्ड पर चला गया है। व्यापारी ‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपनाते हुए दुनिया के नए बाजार तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
हर साल सौ देशों में जाता है मेरठ का सामान
स्पोर्ट्स गुड्स एंड टॉयज एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष सुमनेश अग्रवाल ने बताया कि मेरठ का स्पोर्ट्स निर्यात देश में दूसरा सबसे बड़ा है। यहां से हर साल करीब 750 करोड़ रुपये का सामान दुनिया के करीब 100 देशों में भेजा जाता है। इसमें से 22 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को होता है। अग्रवाल ने कहा कि टैरिफ लागू होने के बाद व्यापारियों में बेचैनी है, क्योंकि ऑर्डर रुक जाने से उत्पादन और सप्लाई दोनों प्रभावित हुए हैं।
ढाई लाख लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी
मेरठ के 25 किलोमीटर रेडियस में फैली कॉटेज इंडस्ट्री से करीब ढाई लाख लोग जुड़े हैं। ऐसे में यह संकट केवल व्यापारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित हो सकती है। अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार भी इस मामले को गंभीरता से देख रही है और उद्योग जगत को नए विकल्पों की तलाश के लिए सहयोग कर रही है।
कारोबारी तलाश रहे नए बाजार
भल्ला इंटरनेशनल के एमडी अशोक भल्ला ने कहा कि टैरिफ का सीधा असर उत्पादन पर पड़ा है। ऑर्डर रुक जाने से तैयार माल गोदामों में पड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि उनकी फैक्ट्री एथलेटिक्स से जुड़े सामान बनाती है। अमेरिका के व्यापारी इन उत्पादों को खरीदकर ब्राजील, मैक्सिको और चिली जैसे देशों में बेचते थे। अब कंपनी खुद इन देशों के व्यापारियों से सीधा संपर्क कर रही है ताकि नया बाजार बन सके। भल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार भी इसमें मदद कर रही है और कारोबारी उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।