उत्तर प्रदेश पुलिस का नया चेहरा, राजीव कृष्ण बने कार्यवाहक डीजीपी,
11 सीनियर अफसरों को पछाड़ा
8 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश पुलिस को नया नेतृत्व मिल गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने 11 सीनियर अफसरों को पीछे छोड़ते हुए यह जिम्मेदारी पाई है। इनमें तीन अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। राजीव कृष्ण के पास सबसे लंबे समय तक डीजीपी बने रहने का मौका है, क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति में अभी 4 साल और 1 महीने का समय बाकी है।
राजीव कृष्ण की कार्यशैली बनी चयन की वजह
राजीव कृष्ण की गिनती नतीजे देने वाले अफसरों में होती है। जो भी टास्क इन्हें मिलता है उसे पूरी गंभीरता से समय पर पूरा करने की कोशिश करते हैं। अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने सीनियर अधिकारियों से तालमेल बैठाने की होगी। जिन अफसरों को उन्होंने पीछे छोड़ा है, उनमें 1989 और 1990 बैच के कई अधिकारी शामिल हैं।
तिलोत्मा वर्मा थीं महिला डीजीपी की दौड़ में सबसे आगे
सूत्रों के अनुसार, कुछ लोगों की इच्छा थी कि प्रदेश को पहली महिला डीजीपी मिले। इसके लिए आईपीएस तिलोत्मा वर्मा का नाम सामने आया लेकिन वे लंबे समय से फील्ड में नहीं रहीं और स्थायी डीजीपी बनने की पात्रता भी उनके पास नहीं थी। बीके मौर्य भी जुलाई में रिटायर हो रहे हैं, जबकि दलजीत चौधरी बीएसएफ जैसी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी में तैनात हैं, जिन्हें वापस लाना आसान नहीं था।
राजीव कृष्ण ने संभाली कई अहम जिम्मेदारियां
राजीव कृष्ण ने अब तक कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। सपा और बसपा सरकार में वे लखनऊ, आगरा, बरेली जैसे बड़े जिलों के एसएसपी और आईजी रह चुके हैं। केंद्र में बीएसएफ में प्रतिनियुक्ति के बाद जब वे 2017 में लौटे तो लखनऊ जोन के एडीजी बने। उनकी छवि एक सख्त, टेक्नोलॉजी में माहिर और फील्ड एक्टिव अफसर की है। ऑपरेशन पहचान, ई-मालखाना और डिजिटल रिकॉर्ड जैसे कामों को उन्होंने आगे बढ़ाया है।
योगी सरकार ने राजीव कृष्ण को दिया बड़ा मौका
प्रदेश में 60 हजार से ज्यादा सिपाहियों की पारदर्शी भर्ती के चलते भी उन्हें खास पहचान मिली। यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आखिरकार राजीव कृष्ण पर भरोसा जताया। हालांकि वे फिलहाल कार्यवाहक डीजीपी बने हैं। मार्च 2025 तक जब उनसे सीनियर सात अफसर रिटायर हो जाएंगे, तब वे सीनियरिटी लिस्ट में ऊपर आ जाएंगे और स्थायी डीजीपी बनने की संभावनाएं और मजबूत होंगी।
राजीव कृष्ण का मजबूत प्रशासनिक बैकग्राउंड
राजीव कृष्ण का बैकग्राउंड भी बेहद मजबूत है। उनकी पत्नी सीबीडीटी में डिप्टी सेक्रेटरी हैं, साले राजेश्वर सिंह विधायक और पूर्व ईडी अधिकारी हैं और भाभी लक्ष्मी सिंह नोएडा की पुलिस आयुक्त हैं। ऐसे में उनके पास प्रशासनिक समझ के साथ-साथ अनुभव और परिवारिक सपोर्ट भी है। नई जिम्मेदारी के साथ अब सबकी नजर इस बात पर है कि वे प्रदेश की कानून-व्यवस्था को किस दिशा में ले जाते हैं।