महाराष्ट्र, गुजरात को पछाड़ते हुए विद्युत आपूर्ति में यूपी बना नंबर-1,
चंडीगढ़ में क्षेत्रीय विद्युत मंत्रियों की बैठक में सामने आए आंकड़े
3 days ago
Written By: ANJALI
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की ओर से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ‘खट्टर’ की अध्यक्षता में शुक्रवार को चंडीगढ़ में क्षेत्रीय विद्युत मंत्रियों का सम्मेलन (उत्तरी क्षेत्र) आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने प्रतिभाग कर प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों और आने वाली कठिनाइयों को साझा किया तथा प्रदेश की वर्तमान विद्युत व्यवस्था की जानकारी दी।
आठ वर्षों में 15 हजार मेगावाट से बढ़ाकर 25 हजार किया गयाः
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में राज्य की ऊर्जा क्षेत्र में हाल के वर्षों में हुई उपलब्धियों को प्रमुखता से प्रस्तुत किया और कहा कि विगत 08 वर्षों में सभी स्रोतों से उत्तर प्रदेश का ऊर्जा उत्पादन 15 हज़ार मेगावाट से बढ़कर 25 हज़ार मेगावाट हो गया है। उपकेंद्रों की क्षमता जो मार्च 2017 में 39159 मेगावाट थी वह अब बढ़कर 199500 एमवीए हो गई है। इसी प्रकार ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण में भी बढ़ोतरी की गई है, जो विद्युत लाइनें मार्च 2017 तक 7,502 सर्किट किलोमीटर मात्र थी वह अब बढ़कर 62,483 सर्किट किलोमीटर हो गई है, जो कि विद्युत लाइनों के निर्माण में एक नया कीर्तिमान बना है।
2024 से टूट रहा रिकार्ड
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में प्रदेश में 26,589 मेगावाट की सर्वाधिक आपूर्ति की गई, वहीं महाराष्ट्र और गुजरात की क्रमशः 28,846 मेगावाट तथा 21,382 मेगावाट विद्युत् आपूर्ति रही, जबकि वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक आपूर्ति 28,284 मेगावाट रही जबकि महाराष्ट्र और गुजरात की क्रमशः 28,566 मेगावाट और 25544 मेगावाट रही। वर्ष 2024 में प्रदेश की सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति 30,618 मेगावाट रही जबकि महाराष्ट्र की 28,924 मेगावाट और गुजरात की 25,588 मेगावाट विद्युत आपूर्ति रही।
दोनो राज्यों के सापेक्ष पांच हजार मेगावाट अधिक होगी आपूर्तिः
इस वर्ष जुलाई से सितंबर के बीच 32,500 मेगावाट विद्युत मांग जाने की संभावना है, जिसके लिए प्रदेश का ऊर्जा विभाग पूरी तरह से तैयार है। अभी भी उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों से 05 हज़ार मेगावाट से अधिक की विद्युत आपूर्ति कर देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति करने वाला राज्य बना हुआ है।
यूपी में कुल उत्पादन क्षमता 85 सौ मेगावाट हुई पहले 51 सौ थी
ऊर्जा मंत्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश की बढ़ती विद्युत मांग को पूरा करने के लिए राज्य ने संसाधन पर्याप्तता योजना तैयार की है और विभिन्न प्रकार की बिजली उत्पादन क्षमता भी जोड़ी है। उदाहरणस्वरूप, हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को 3960 मेगावाट की नई थर्मल विद्युत उत्पादन क्षमता समर्पित की गई है, जो पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में निर्मित हुई है। इस नई क्षमता के साथ उत्तर प्रदेश की कुल उत्पादन क्षमता अब 8500 मेगावाट हो गई है, जो वर्ष 2017 में लगभग 5100 मेगावाट और 2022 में 5800 मेगावाट थी। यानी 2017 की तुलना में यह क्षमता लगभग दोगुनी तथा 2022 की तुलना में 1.5 गुना अधिक हो गई है।
ट्रांसमिशन क्षेत्र में टूटे सभी रिकॉर्ड
इसी प्रकार, ट्रांसमिशन क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ट्रांसफार्मर स्टेशनों की क्षमता वर्ष 2017 की तुलना में 05 गुना और 2022 की तुलना में 1.5 गुना बढ़ाकर 2,00,000 एमवीए तक पहुंचा दी गई है। ट्रांसमिशन लाइनों की बात करें तो उत्तर प्रदेश ने 62,483 सर्किट किलोमीटर लाइन का निर्माण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो वर्ष 2017 की तुलना में 09 गुना और 2022 की तुलना में 2.5 गुना अधिक है। शर्मा ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश केंद्र सरकार की कई प्रमुख योजनाओं में देश का अग्रणी राज्य बन चुका है।
ग्रीन एनर्जी में भी हासिल हुई उल्लेखनीय उपलब्धि
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-2 परियोजना के कार्यान्वयन में भी उत्तर प्रदेश देश का शीर्ष राज्य रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत राज्य 04 गीगावॉट की हरित ट्रांसमिशन क्षमता स्थापित कर रहा है, जो 2500 किमी से भी अधिक लंबाई की ट्रांसमिशन लाइनों में फैली हुई है। अग्रणी राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश ने ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-3 परियोजना भी भारत सरकार को प्रस्तुत की है, जिसमें 17 गीगावॉट क्षमता और 2200 किमी से अधिक हरित विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों का प्रावधान है।