वाराणसी कफ सिरप मामला: दो फर्म मालिक गिरफ्तार,
पूरे लेनदेन का भंडाफोड़
2 days ago Written By: Aniket Prajapati
कफ सिरप मामले में वाराणसी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो फर्म मालिकों को गिरफ्तार कर आज मीडिया के सामने पेश किया। पुलिस ने बताया कि कफ सिरप के इस मामले में अब तक कुल 40 फर्मों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। गिरफ्तार फर्म मालिकों विशाल जायसवाल और बादल आर्या ने मीडिया के सामने पूरे लेनदेन का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनके फर्म से सिर्फ बिलिंग होती थी और प्रति शीशी उन्हें 1 रुपये की हिस्सेदारी मिलती थी। कफ सिरप की असली शीशियां उन्हें कभी डिलीवर नहीं की गई।
कफ सिरप की बिलिंग और लेनदेन का खुलासा
गिरफ्तार फर्म मालिकों ने बताया कि उनका संपर्क शुभम जायसवाल के करीबी देवेश से था। उनके अनुसार, प्रत्येक महीने उनके फर्मों को 35 से 40 हज़ार रुपये मिल जाते थे, जबकि फर्म का कुल टर्नओवर करीब 2 करोड़ रुपये का था। जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि कफ सिरप की शीशियां कहां जाती थीं, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका काम केवल पेमेंट बिलिंग तक ही सीमित था। पेमेंट के समय देवेश ओटीपी लेकर पैसे ट्रांसफर करता था। वास्तविक कफ सिरप की शीशियां फर्मों को कभी नहीं मिलीं।
व्यापारियों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप
कफ सिरप मामले की वजह से बनारस दवा मंडी में जबरदस्त हड़कंप मचा हुआ है। 40 फर्मों पर एफआईआर दर्ज की गई है, सभी का शुभम जायसवाल के फर्म से संबंध बताया गया है। इस मामले में गिरफ्तार फर्म मालिकों ने वरिष्ठ अधिवक्ता और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्रीनाथ त्रिपाठी से संपर्क किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने की कार्रवाई की मांग
श्रीनाथ त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता में कहा कि छोटे दुकानदार और फर्म मालिकों को डर के माहौल में रखा जा रहा है। जांच के नाम पर पूरा व्यापार तंत्र प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे इस उत्पीड़न के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे। व्यापारियों की मांग है कि जांच पूरी होने तक और ठोस सबूत के बिना किसी की गिरफ्तारी न की जाए।