वाराणसी में बुलडोजर की एंट्री और फिर वापसी…
दालमंडी में अफजल खान के सामने रुका प्रशासन का अभियान
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के दालमंडी इलाके में चल रहे ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान मंगलवार को बड़ा हंगामा देखने को मिला। लक्ष्मी कटरा की 13 दुकानों को गिराने के बाद अब प्रशासन ने नई सड़क की ओर से कार्रवाई शुरू की। इस बार पहली बार बुलडोजर दालमंडी में पहुंचा। प्रशासन, वीडीए और पीडब्ल्यूडी की टीम मकान नंबर C 1/24, फाटक शेख सलीम, दालमंडी पर तोड़फोड़ की कार्रवाई करने पहुंची।
मकान मालिक ने दिखाया हाईकोर्ट का स्टे, अफसरों से हुई कहासुनी मकान मालिक अफजल खान ने बताया कि उनके मकान और तीन दुकानों पर हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर है। जब प्रशासन ने उन्हें सामान हटाने को कहा, तो उन्होंने विरोध करते हुए स्टे की कॉपी अधिकारियों को दिखाई। अफजल खान ने कहा, हाईकोर्ट में जिलाधिकारी का हलफनामा भी है, पहले आप कोर्ट से तोड़ने की अनुमति लाएं। इस पर एडीएम सिटी और अफजल खान के बीच तीखी बहस हो गई। अफजल ने दो टूक कहा, चाहे कुछ भी हो जाए, हम मकान खाली नहीं करेंगे।
दुकानदारों और स्थानीय लोगों का विरोध, बढ़ा तनाव अफजल खान ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि शाम करीब साढ़े पांच बजे प्रशासनिक टीम आई और दो घंटे के भीतर मकान खाली करने का दबाव बनाया। उन्होंने कहा, हमने जब मना किया तो पुलिस और प्रशासन ने हमें और बच्चों को धक्का दिया। एडीएम ने मुझे धकेलकर हटाया। ये सरासर गुंडागर्दी है। अफजल के मुताबिक, वीडीए या किसी अन्य विभाग ने कोई लीगल नोटिस नहीं भेजा, इसलिए वह मकान खाली नहीं करेंगे।
परिवार में 16 लोग, तीन दुकानों से चलता है घर अफजल खान ने बताया कि उनका मकान करीब 99 स्क्वायर फीट का है, जिसमें उनका 16 लोगों का परिवार रहता है। घर के नीचे उनकी तीन छोटी दुकानें हैं, जिनसे परिवार का गुजर-बसर चलता है। ध्वस्तीकरण की सूचना मिलते ही बाकी दुकानदार भी विरोध में उतर आए और नारेबाजी करने लगे।
प्रशासन ने बढ़ाया सुरक्षा बल, बुलडोजर लौटा बिना कार्रवाई के बढ़ते विरोध और तनाव को देखते हुए प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी और उसे वापस बुला लिया। हालांकि, दालमंडी और नई सड़क पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। प्रशासन ने भारी पुलिस बल की तैनाती की है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। दालमंडी में बुलडोजर की एंट्री तो हुई, लेकिन बिना कार्रवाई किए लौटने से अब स्थानीय लोगों में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर प्रशासन किस आधार पर कार्रवाई करना चाहता था।