वाराणसी के दालमंडी में बड़ी ध्वस्तीकरण कार्रवाई, 13 दुकानें और एक भवन जमींदोज,
दुकानदार बोले- सामान निकालने तक की मोहलत नहीं मिली
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में शनिवार शाम प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक भवन और 13 दुकानों को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के निर्देश पर शाम छह बजे गोविंदपुरा स्थित भवन संख्या 43/140 पर हैमर और ड्रिल मशीन से ध्वस्तीकरण शुरू किया गया। यह पूरा इलाका लक्ष्मी कटरा के नाम से जाना जाता है, जहां मोबाइल एसेसरीज की 13 दुकानें चलती थीं। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच बहस और नोकझोंक भी देखने को मिली।
एक करोड़ दस लाख का मुआवजा, फिर भी नाराज दुकानदार प्रशासन ने बताया कि भवन और दुकानों का कुल मुआवजा एक करोड़ दस लाख रुपये तय किया गया, जो मकान मालिक पीयूष ओझा और उनके तीन हिस्सेदारों को दिया गया। हालांकि, दुकानदारों का आरोप है कि उन्हें कोई नोटिस या समय नहीं दिया गया। उनका कहना है कि वे वर्षों से यहां दुकान चला रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना के कार्रवाई कर दी। मोहम्मद शोएब, जिनकी मोबाइल एसेसरी की दुकान सबसे पहले तोड़ी गई, उन्होंने कहा, मकान मालिक ने मुझसे दुकान के लिए 35 लाख रुपये लिए थे। मैंने प्रशासन से कुछ घंटों की मोहलत मांगी थी ताकि सामान निकाल सकूं, लेकिन किसी ने नहीं सुना। अब हम कहां जाएं?
दुकानदार बोले – ये प्रशासन की गुंडई है 1958 से ए.के. वॉच के नाम से दुकान चलाने वाले हुसैन अली ने प्रशासन की कार्रवाई को खुली गुंडई बताया। उन्होंने कहा कि न तो मोहलत दी गई और न ही हमारे वकील को नोटिस मिला। यह कार्रवाई एक वर्ग विशेष के खिलाफ की जा रही है। ध्वस्तीकरण के दौरान एक बुजुर्ग महिला के रोने की घटना ने माहौल को भावनात्मक बना दिया, जिन्हें स्थानीय लोगों ने समझा-बुझाकर वहां से हटाया।
किरायेदारों का आरोप – मकान मालिक और प्रशासन की मिलीभगत कई दुकानदारों ने आरोप लगाया कि मकान मालिक और प्रशासन की मिलीभगत में किरायेदारों को कुचला जा रहा है। उनका कहना है कि मकान मालिक ने पहले लाखों रुपये किराए के नाम पर लिए, और अब प्रशासन के साथ मिलकर किरायेदारों को बेघर किया जा रहा है। बता दें कि 29 अक्टूबर से दालमंडी में ध्वस्तीकरण अभियान शुरू हुआ था, लेकिन बीच में कार्रवाई कुछ दिनों के लिए रोक दी गई थी। अब 8 नवंबर को चौरसिया पान भंडार के बाद 9 नवंबर को लक्ष्मी कटरा की दुकानें तोड़ी गईं। फिलहाल इलाके में पुलिस बल तैनात है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।