WHO ने जारी की चेतावनी: भारत के 3 खांसी के सिरप में मिला जहर,
22 बच्चों की मौत के बाद मचा हड़कंप
11 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
भारत में एक बार फिर मिलावटी खांसी के सिरप ने बच्चों की जान ले ली है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 22 मासूमों की मौत के बाद अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने तीन भारतीय कफ सिरप को लेकर वैश्विक चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि “कोल्ड्रिफ”, “रेस्पिफ्रेश टीआर” और “रिलाइफ” नामक सिरप के कुछ बैचों में जहरीले रसायन की मिलावट पाई गई है, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं। संगठन ने सभी देशों और स्वास्थ्य एजेंसियों को निर्देश दिया है कि अगर ये सिरप कहीं भी दिखें, तो तुरंत इसकी सूचना हेल्थ अथॉरिटीज को दी जाए।
तीन सिरप में मिली घातक मिलावट डब्ल्यूएचओ ने जिन सिरपों को लेकर चेतावनी दी है, उनमें शामिल हैं — तमिलनाडु की श्रीसन फार्मा का Coldrif, गुजरात की रेडनेक्स फार्मा का Respifresh TR, और शेप फार्मा का ReLife सिरप। जांच में पाया गया कि इन सिरपों में डायथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक जहरीले रसायन की अत्यधिक मात्रा मिली है। यह एक रंगहीन, गंधहीन और मीठा स्वाद देने वाला कैमिकल है, लेकिन मानव शरीर के लिए यह बेहद जहरीला होता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर इंजन कूलेंट या इंडस्ट्रियल फ्लुइड में किया जाता है — दवा में नहीं।
छिंदवाड़ा में मौतों से खुला राज मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत के बाद जब जांच हुई, तो पता चला कि उन्होंने “कोल्ड्रिफ” सिरप पिया था। लैब रिपोर्ट में सामने आया कि इसमें स्वीकृत सीमा से 500% अधिक डायथिलीन ग्लाइकोल मौजूद था। पांच साल से कम उम्र के बच्चों पर इस जहरीले तत्व का असर घातक साबित हुआ और इलाज के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
भारत सरकार ने तुरंत लगाया बैन डब्ल्यूएचओ की चेतावनी से पहले ही भारत सरकार ने इन तीनों सिरपों पर पूरे देश में बैन लगा दिया था। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि बाजार से इन सिरपों के बैच तुरंत वापस मंगाए जाएं। साथ ही, दवा निर्माताओं को इनका उत्पादन और सप्लाई रोकने का आदेश दे दिया गया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इन सिरपों का किसी भी अन्य देश में निर्यात नहीं हुआ है।
केंद्र की एडवाइजरी: बच्चों को सिरप देने से पहले सावधानी सीडीएससीओ ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की है कि वे खांसी का सिरप प्रिस्क्राइब करने से पहले विशेष सावधानी बरतें। खासकर दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी स्थिति में ऐसे सिरप न दिए जाएं, जो उनके लिए अनुमोदित न हों। सरकार ने सभी मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।
कितनी खतरनाक है ये मिलावट WHO की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीसन फार्मा के Coldrif सिरप में 48.6% डायथिलीन ग्लाइकोल पाया गया, जबकि अनुमत सीमा मात्र 0.1% है। रेडनेक्स फार्मा के Respifresh TR में 1.342%, और शेप फार्मा के ReLife में 0.616% DEG की मिलावट पाई गई है। ये सभी स्तर मानव शरीर के लिए जानलेवा हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ऐसी मिलावट से किडनी फेल्योर, न्यूरोलॉजिकल डैमेज और यहां तक कि मौत तक हो सकती है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय कफ सिरप को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में भी मिलावटी सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। तब भी WHO ने भारत के कुछ फार्मा निर्माताओं पर सवाल उठाए थे। अब एक बार फिर भारत के दवा उद्योग की साख पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।