दुबई एयर शो में तेजस क्रैश:
नगरोटा बगवां के विंग कमांडर नमांश स्याल की वीरतापूर्ण मृत्यु
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
हिमाचल प्रदेश के नगरोटा बगवां के पटियालाकड़ गांव में शुक्रवार, 21 नवंबर को गम का सन्नाटा छा गया। यहां का होनहार बेटा, भारतीय वायुसेना के 34 वर्षीय विंग कमांडर नमांश स्याल, दुबई एयर शो के दौरान तेजस लड़ाकू विमान क्रैश में शहीद हो गए। भारत ने एक बहादुर और समर्पित पायलट खो दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया। नमांश स्याल के साहस और अनुशासन की मिसाल पूरे देश में दी जाती थी। उनके जाने से परिवार और देश दोनों में शोक की लहर है।
विंग कमांडर नमांश स्याल कौन थे? नमांश स्याल नगरोटा बगवां के रहने वाले थे और उनके अनुशासन, वीरता और बेहतरीन सेवा के लिए जाने जाते थे। उन्होंने हमीरपुर जिले के सुजानपुर टीरा स्थित सैनिक स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की। देश की सेवा का सपना उन्हें यहीं से प्रेरित हुआ। 24 दिसंबर 2009 को वे भारतीय वायुसेना में अधिकारी बने। NDA के हंटर स्क्वाड्रन में प्रशिक्षण और वायुसेना अकादमी से उड़ान भरने के बाद उन्होंने कई मिशन सफलतापूर्वक निभाए। उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी और छह साल की बेटी हैं। पत्नी स्वयं वायुसेना की अधिकारी हैं। पिता जगन नाथ सेना से रिटायर होने के बाद शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य रहे और मां बीना देवी गृहिणी हैं।
दुबई एयर शो में हादसा दुबई एयर शो 17 नवंबर से 21 नवंबर तक आयोजित हुआ। इसमें 150 से अधिक देशों ने भाग लिया। भारत की ओर से ‘सूर्य किरण’ टीम और तेजस विमान शामिल हुए। अंतिम दिन के दौरान तेजस विमान अचानक नीचे गिर गया और जोरदार धमाका हुआ। इसके परिणामस्वरूप विंग कमांडर नमांश स्याल शहीद हो गए।
देश ने जताई संवेदना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने नमांश स्याल की बहादुरी को सलाम करते हुए परिवार के प्रति संवेदना जताई। तेजस विमान का यह दूसरा हादसा है; मार्च 2024 में जैसलमेर के पास हुआ क्रैश में पायलट सुरक्षित इजेक्ट हुए थे। नमांश स्याल की वीरता और देशभक्ति हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।