ट्रेन के AC कोच में इलेक्ट्रिक केतली से बनी मैगी,
महिला पर कार्रवाई; रेलवे ने जारी की कड़ी चेतावनी और नई एडवाइजरी
1 months ago
Written By: Aniket prajapati
एक एक्सप्रेस ट्रेन के वातानुकूलित (एसी) कोच में एक महिला द्वारा मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पोर्ट से इलेक्ट्रिक केतली चलाकर मैगी नूडल्स बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह मामला सामने आते ही रेलवे प्रशासन हरकत में आ गया। सेंट्रल रेलवे ने महिला की पहचान कर ली है और उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 147(1) के तहत कार्रवाई की तैयारियाँ पूरी हो गई हैं। घटना को गंभीरता से लेते हुए रेलवे ने अब यात्रियों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है, जिसमें ट्रेन के चार्जिंग पोर्ट्स का गलत उपयोग न करने की अपील की गई है।
रेलवे ने कहा—चार्जिंग पोर्ट सिर्फ मोबाइल-लैपटॉप के लिए
सेंट्रल रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ट्रेन के कोच में लगे चार्जिंग प्वाइंट केवल मोबाइल फोन और लैपटॉप चार्ज करने के लिए हैं। इन पोर्ट्स की क्षमता 110 वोल्ट डीसी होती है। यदि इनसे हाई पावर डिवाइस जैसे इलेक्ट्रिक केतली, इंडक्शन, हीटर, हेयर ड्रायर या कपड़ों की प्रेस चलाई जाती है, तो ओवरहीटिंग का खतरा बढ़ सकता है, जिससे ट्रेन में आग लगने जैसी गंभीर घटना भी हो सकती है। रेलवे ने साफ कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए इस तरह का उपयोग बिल्कुल न करें।
मैगी बनाने वाले वीडियो ने खड़ा किया विवाद
20 नवंबर को सरिता लिंगायत के इंस्टाग्राम हैंडल से पोस्ट किए गए वीडियो में एक महिला ट्रेन के AC कोच में इलेक्ट्रिक केतली से मैगी बनाती दिखाई दी। महिला मराठी में बात करते हुए कहती है कि उसने इससे 10–15 लोगों के लिए चाय भी बनाई है। वीडियो में वह मजाकिया अंदाज में कहती है—“देखो, मैं ट्रेन में मैगी बना रही हूं… यहां मेरा किचन बंद नहीं है… यहां भी छुट्टी नहीं है।” वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे को भारी आलोचना झेलनी पड़ी और सुरक्षा नियमों पर सवाल उठने लगे।
पहचान के बाद महिला पर होगी कार्रवाई
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि महिला की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा नियम सभी यात्रियों के लिए समान हैं और इस तरह के खतरनाक प्रयोग न केवल गैरकानूनी हैं, बल्कि पूरे कोच की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।