आतंकी संगठनों को सीएम योगी की कड़ी चेतावनी,
भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वालों को उनकी ही भाषा में मिलेगा जवाब
2 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखीमपुर खीरी में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए भारत की सुरक्षा को लेकर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा को खतरे में डालने वालों को उनकी ही भाषा में जवाब देने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा, यह नया भारत किसी को छेड़ता नहीं है, लेकिन अगर कोई छेड़ेगा तो उसे छोड़ेगा भी नहीं। यह बयान उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए दिया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और समाज में आतंकवाद और अराजकता के लिए कोई जगह नहीं होने की बात कही। उत्तर प्रदेश की सुरक्षा स्थिति पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य को माफिया मुक्त किया गया है और इसे अराजकता और दंगों से मुक्त कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश अब एक ऐसा राज्य बन चुका है, जो देश में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। यहां की बुनियादी ढांचा, हाईवे, मेट्रो नेटवर्क, जलमार्ग और तेज रेल का देशभर में सम्मान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी में शारदा नदी चैनलाइजेशन कार्य का किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी में शारदा नदी के चैनलाइजेशन कार्य का निरीक्षण भी किया और कहा कि कांग्रेस और सपा ने समाज को जाति के नाम पर बांटा और भारत के वीर नायकों का अपमान किया। उन्होंने सपा की सरकार को आरोपित करते हुए कहा कि जब वे सत्ता में थे, तो किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया और महिलाओं और व्यापारियों की सुरक्षा भी खतरे में डाली।
मुख्यमंत्री ने किसानों को बाढ़ से सुरक्षा का दिलाया भरोसा
मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी फसलें और गांव बाढ़ से सुरक्षित रहेंगे। साथ ही उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को ऋण, अनुदान और ट्रैक्टर की चाबियां वितरित की। इसके अलावा, उन्होंने शारदा नदी के चैनलाइजेशन के काम की लागत ₹180 करोड़ से घटाकर ₹22 करोड़ करने का आदेश दिया और इसे 10 जून तक पूरा करने की योजना बनाई। बता दें कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने किसानों को गन्ने के भुगतान में सुधार के बारे में भी जानकारी दी, और कहा कि अब कोई भी भुगतान एक साल से ज्यादा का बकाया नहीं रहता।