धर्म सिर्फ आस्था नहीं, जीवन पद्धति है…
लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी में योगी आदित्यनाथ का युवाओं को प्रेरक संदेश
1 months ago Written By: संदीप शुक्ला
Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सीएम ने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रदेश और देश दोनों के लिए गौरव का विषय है। यहां से निकलने वाले छात्र समाज और राष्ट्र की न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
धर्म का पालन ही सच्चे जीवन की पहचान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दीक्षांत समारोह में दिया जाने वाला दीक्षा मंत्र सत्यं वद्, धर्मं चर भारत की प्राचीन गुरुकुल परंपरा की नींव है। यही भावना हमारे संविधान और न्यायपालिका के मूल विचारों में झलकती है। उन्होंने कहा कि धर्म हमारे जीवन की पद्धति है और उपासना आस्था का विषय। धर्म का मतलब अपने कर्तव्यों को निष्ठा से निभाना है। लोकतंत्र की सफलता के लिए सुदृढ़ न्यायिक प्रणाली बेहद आवश्यक है। जितनी मजबूत न्याय व्यवस्था होगी, उतना ही आसानी से सुशासन के लक्ष्य पूरे होंगे।
न्यायिक सुधारों की दिशा में बड़े कदम सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने न्याय व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए कई काम किए हैं। इसमें ई-कोर्ट प्रणाली, वैकल्पिक विवाद निपटान (ADR), साइबर लॉ प्रशिक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग शामिल है। विश्वविद्यालयों में आधुनिक प्रशिक्षण कक्ष, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और छात्रावास बनाए जा रहे हैं। न्यायिक अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण पर भी सरकार लगातार ध्यान दे रही है।
रूल ऑफ लॉ के लिए बेंच और बार का तालमेल जरूरी मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने हाल ही में तीन नए कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता – लागू किए हैं। इससे न्याय व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि रूल ऑफ लॉ तभी प्रभावी होगा जब न्यायपीठ (बेंच) और अधिवक्ता समाज (बार) के बीच बेहतर समन्वय हो।
इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स और फास्ट ट्रैक कोर्ट्स सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स की दिशा में काम शुरू हो चुका है। 10 जिलों में इसके लिए धनराशि जारी की गई है। इन परिसरों में सभी स्तरों के न्यायालय, अधिवक्ता कक्ष और आवासीय सुविधाएं होंगी। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट अब अपने उत्कृष्ट ढांचे के लिए प्रसिद्ध है। महिलाओं और बच्चों के मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए 380 से अधिक पॉक्सो और फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए हैं।
विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं से बढ़ेगी पारदर्शिता मुख्यमंत्री ने कहा कि हर रेंज में विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक संस्थान में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ई-कोर्ट, ई-पुलिसिंग, ई-प्रॉसिक्यूशन और ई-फॉरेंसिक को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया जारी है, जिससे न्यायिक प्रणाली और अधिक पारदर्शी और त्वरित बनेगी।
मेडल विजेताओं को सम्मान दीक्षांत समारोह में कई छात्रों को मेडल दिए गए। एलएलएम में हर्षिता यादव (गोल्ड), आकृति श्रीवास्तव (सिल्वर), ऋषभ (ब्रॉन्ज) ने पदक जीते। बीए एलएलबी में अभ्युदय प्रताप, साइमा खान और दर्शिका पांडेय को क्रमशः गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल मिले। दर्शिका पांडेय को स्टूडेंट ऑफ द ईयर और अभ्युदय प्रताप को बेस्ट मोअरटर ऑफ द ईयर का खिताब दिया गया। वहीं अंत में सीएम योगी ने छात्रों से कहा कि वे सत्य, धर्म और निष्ठा के मार्ग पर चलकर न्याय व्यवस्था को नई दिशा दें। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भी बधाई दी, जो जल्द ही भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।