गन्ना किसानों को योगी सरकार का बड़ा तोहफ़ा:
क्रय केंद्रों पर लोडिंग-अनलोडिंग शुल्क पर पूरी तरह रोक
1 months ago
Written By: Aniket prajapati
उत्तर प्रदेश में साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव भले अभी दूर हों, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से ही किसानों के हित में लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। हाल ही में गन्ना पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने के दाम में 30 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी करने के बाद अब सरकार ने किसानों को एक और राहत दी है। राज्य सरकार ने गन्ना क्रय केंद्रों पर किसानों से किसी भी प्रकार का लोडिंग-अनलोडिंग शुल्क लिए जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। यह कदम उन लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उठाया गया है, जिनमें घटतौली और अवैध शुल्क वसूली के मामले सामने आ रहे थे।
कड़ाई के साथ लागू होंगे नए निर्देश
गन्ना आयुक्त मिनिस्ती एस. ने साफ निर्देश दिए हैं कि अब किसी भी किसान से गन्ना लोडिंग या अनलोडिंग के नाम पर एक भी रुपया नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिल गेट और क्रय केंद्रों पर हो रही घटतौली और शुल्क वसूली की शिकायतें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उप चीनी आयुक्त, जिला गन्ना अधिकारी, सहायक चीनी आयुक्त और चीनी मिलों के प्रधान प्रबंधक मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं भी ऐसे मामले सामने न आएं। इसके लिए गन्ना क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।आयुक्त ने कहा कि यदि किसी केंद्र पर किसानों से शुल्क वसूली की शिकायत मिलती है, तो दोषी तौल लिपिक, चीनी मिल प्रबंधन और अनुबंधित ट्रांसपोर्टर के खिलाफ यूपी गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) नियमावली के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गन्ना डायवर्जन पर भी रहेगा सख्त नियंत्रण
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि गन्ना डायवर्जन पर पूरी तरह नजर रखी जाए। परिक्षेत्रीय अधिकारियों को इस पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है, ताकि किसानों को किसी भी तरह का आर्थिक नुकसान न हो।
योगी सरकार में गन्ना उद्योग को नई गति
पिछले 8 वर्षों में योगी सरकार ने गन्ना उद्योग को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस दौरान प्रदेश में 4 नई चीनी मिलों की स्थापना हुई, 6 बंद चीनी मिलें दोबारा शुरू हुईं और 42 मिलों की क्षमता बढ़ाई गई। इन सभी सुधारों से प्रदेश में 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है। इसके अलावा 2 मिलों में सीबीजी संयंत्र लगाए गए हैं, जिससे गन्ना क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिला है।