योगी सरकार का मिशन स्किल्ड यूपी: 1.84 लाख सीटें,
1510 नई नियुक्तियां और 5000 करोड़ का मेगा प्लान
1 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार युवाओं को रोजगार और कौशल विकास से जोड़ने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। प्रदेश में न सिर्फ नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की स्थापना की गई है, बल्कि मौजूदा संस्थानों को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करते हुए भविष्य की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षित कार्यबल तैयार किया जा रहा है। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन स्थित ऑडिटोरियम में व्यावसायिक शिक्षा विभाग द्वारा चयनित 1510 अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर प्रदेश के सभी जनपदों में भी भव्य कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जहां सांसद और विधायकगण सफल अभ्यर्थियों के सपनों को साकार होते देखने के गवाह बने।
286 राजकीय आईटीआई में 1.84 लाख सीटें
उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता लगातार बढ़ा रही है। प्रदेश के 286 राजकीय आईटीआई में 92 व्यवसाय संचालित हो रहे हैं, जिनमें कुल 1,84,280 सीटें उपलब्ध हैं। इन संस्थानों में कुल 7768 अनुदेशकों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 6577 नियमित और 1191 आउटसोर्सिंग पर हैं। वर्ष 2022 में रिक्त 2406 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसके तहत 1510 अनुदेशकों का चयन हुआ है। शेष 341 पदों के परिणाम भी जल्द घोषित होने की संभावना है। सरकार की इस पहल से युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा और प्रदेश के उद्योगों को दक्ष श्रमिकों की नई पीढ़ी उपलब्ध होगी।
नए आईटीआई और 5000 करोड़ की परियोजना से उन्नयन
पिछले आठ वर्षों में सरकार ने 60 से अधिक नए राजकीय आईटीआई की स्थापना कर उन्हें संचालन में लाया है। वर्तमान में प्रदेश के 324 आईटीआई में 82 ट्रेड्स के माध्यम से करीब 1.84 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किसी भी इच्छुक युवा की आर्थिक स्थिति उसकी शिक्षा में बाधा न बने, इसके लिए सरकार ने मासिक फीस मात्र 40 रुपये तय की है। इसके साथ ही, लगभग 3000 निजी आईटीआई में 6 लाख सीटों पर भी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां दाखिला लेने वाले छात्रों को फीस प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की सुविधा भी प्रदान की जाती है। आईटीआई को भविष्य की तकनीकों से लैस करने के लिए 5000 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत 150 आईटीआई का उन्नयन किया गया है। टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और 18 विश्वस्तरीय कंपनियों के सहयोग से यहां 9 नए ट्रेड और 23 शॉर्ट-टर्म कोर्स शुरू किए गए हैं। इस योजना के तहत हर साल 15 हजार से अधिक युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सफलता को देखते हुए अब 62 अन्य आईटीआई के उन्नयन की स्वीकृति भी दी गई है, जिस पर 3350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
भविष्य की तकनीकों में सशक्त हो रहे युवा
उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं को वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा है। आईटीआई में अब सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, लेजर कटिंग, सीएनसी, 3डी प्रिंटिंग, डिजिटल कम्युनिकेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं की रोजगार क्षमता और तकनीकी दक्षता में अभूतपूर्व सुधार होगा।
कौशल विकास मिशन और PMWY योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत पिछले आठ वर्षों में 14 लाख से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 5.65 लाख युवाओं को रोजगार और सेवायोजन से जोड़ा गया है। वर्तमान में 1000 से अधिक प्रशिक्षण पार्टनर्स के सहयोग से 350 से ज्यादा कोर्स संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 1.20 लाख पारंपरिक कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है। पात्र लाभार्थियों को 1 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे कारीगरों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
रोजगार मेलों से 4.13 लाख युवाओं को नौकरी
प्रदेश में अब तक 1736 रोजगार मेले आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 2537 कंपनियों ने भाग लिया और 4.13 लाख युवाओं को नौकरी के अवसर प्राप्त हुए। साथ ही, प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 500 प्रतिष्ठित कंपनियों में 2.5 हजार से अधिक युवाओं की इंटर्नशिप शुरू की गई है, जिनमें उन्हें हर महीने 5000 रुपये मानदेय भी दिया जा रहा है।
स्कूलों में भी कौशल विकास की पहल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रोजेक्ट प्रवीण कार्यक्रम प्रदेश के 600 से अधिक माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया गया है। इसके अंतर्गत कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को प्रतिदिन 90 मिनट कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 20 हजार छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर के प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जा चुके हैं।
युवाओं के सपने साकार करने की दिशा में मजबूत कदम
योगी सरकार की यह व्यापक रणनीति प्रदेश के युवाओं को न केवल कौशल संपन्न बना रही है, बल्कि उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर भी उपलब्ध करा रही है। सरकारी योजनाओं, रोजगार मेलों, तकनीकी उन्नयन और कौशल विकास मिशनों के संयुक्त प्रयासों से उत्तर प्रदेश के लाखों युवाओं के सपने साकार हो रहे हैं।